2021 तक टीबी मुक्त होगा हिमाचल

हिमाचल 2021 तक क्षय रोग (टीबी) मुक्त होगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए मुख्यमंत्री क्षय रोग योजना शुरू करने जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग डायरेक्ट ट्रीट प्रिवेंट बिल्ड मोड के तहत कार्य करेगा। यानि बीमारी का समय पर पता लगाकर उसका तुरंत उपचार शुरू किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश भर में अवेयरनेस कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। देश में टीबी से मौत मामले में लगभग 38 प्रतिशत मामले तंबाकू से जुड़े हैं। टीबी के मामले धूम्रपान करने वाले रोगियों में 3 गुणा ज्यादा पाए जाते हैं। 2025 तक राष्ट्र को टीबी मुक्त करने के लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार ने इस लक्ष्य को 4 साल पहले यानि 2021 तक प्राप्त करने का टारगेट तय किया है। 

हिमाचल में हर साल टीबी के 15 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। लगभग 8 हजार से 9 हजार टीबी रोगी निजी चिकित्सा क्षेत्र में इलाज करवा रहे हैं। यह संख्या भी बहुत अधिक है। पूर्व सरकार के समय में क्षय रोग निवारण योजना के तहत 2 करोड़ रुपये स्वीकृत करने वाला देश का पहला राज्य है। यही नहीं राज्य टीबी रोगियों के लिए एफडीसी एवं प्रतिदिन खुराक आरंभ करने में भी प्रथम स्थान हासिल किया। इसमें 7 हजार से भी ज्यादा रोगियों को प्रतिदिन खुराक प्रदान की जा रही है। 

राज्य सरकार ने तंबाकू नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए हैं। राज्य में तंबाकू की बिक्री पर रोक है। सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान प्रतिबंधित किया है। खुली सिगरेट बेचने पर प्रतिबंध है। 

वार्ड सिस्टर से मैट्रन पद पर प्रमोशन से पहले नर्सों को 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस में अस्पताल में वार्डों के सुचारू प्रबंधन को लेकर वार्ड सिस्टर को प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य के दोनों मेडिकल कॉलेजों आईजीएमसी और टांडा के साथ खुले नर्सिंग स्कूलों में ये विशेष प्रशिक्षण किया जाएगा। यह प्रशिक्षण 5 फरवरी से शुरू होगा और इसके लिए 69 वार्ड सिस्टरों का चयन हुआ है। 

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