इस तस्वीर के पीछे है दर्द भरी दास्तां, वजह पढ़कर दिल पसीज जाएगा

हिमाचल प्रदेश के जिला मुख्यालय ऊना से महज दो किलोमीटर दूर बीच गांव में पाल सिंह ने 15 साल पहले अपना घर बनाया। न तो उसका घर अवैध जमीन पर है और न ही नियमों की कोई अवहेलना की। घर बनते ही उसने बिजली बोर्ड से कनेक्शन के लिए आवेदन किया। कई महीनों बाद बिजली बोर्ड खंभा तो गाड़ गया, लेकिन उसके बाद मीटर लगाने और कनेक्शन देने नहीं आया। कई बार गुहार लगाने के बाद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो पाल सिंह ने उम्मीद छोड़ दीये के सहारे जिंदगी काटनी शुरू कर दी।आज पाल सिंह की बेटी कलिका 12 साल की हो गई है। वह छठी कक्षा में पढ़ती है। अमर उजाला ने उससे पूछा तो उसने बताया कि -‘घर च बिजली नी ए, तां मैं स्कूल दा कम दिन नूं ई कर लैंदी’। रात को अगर पाठ याद करना हो तो दीया लेना पड़ता है। बड़ा सवाल ये है कि बिजली बोर्ड के अधिकारी पिछले 15 सालों से आंखें क्यों मूंदे बैठे हैं। इसके पीछे कोई रंजिश तो नहीं है। पाल सिंह का कहना है कि कई महीनों तक शिकायतों के बाद बिजली बोर्ड खंभा गाड़ गया, लेकिन आज तक बिजली लाइन नहीं बिछाई। सरकारों और नेताओं की बेरुखी की दास्तां सुनाते हुए पाल सिंह उर्फ पाली कहते हैं कि उनकी बेटी ने जन्म के बाद अपने घर में आज तक कभी बिजली ही नहीं देखी।

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